Par Apno Se Door Hun Main
कहने को ज़िंदा हूँ, पर अपनों से दूर हूँ मैं
अपने हालात से, न जाने क्यों मजबूर हूँ मैं
अपनों के दिये #दर्द सहता रहा ज़िंदगी भर,
किसी ने नहीं सोचा, क्यों इतना बेनूर हूं मैं...
कहने को ज़िंदा हूँ, पर अपनों से दूर हूँ मैं
अपने हालात से, न जाने क्यों मजबूर हूँ मैं
अपनों के दिये #दर्द सहता रहा ज़िंदगी भर,
किसी ने नहीं सोचा, क्यों इतना बेनूर हूं मैं...
उनको शिकायत है कि
मैं उनकी ख़ुशी में खुश नही होता
पर..
मैं दगा कैसे दूँ दुखों को
जिनसे मेरा, उनसे भी पुराना नाता है....
उनका यूं #दिल तोड़ कर जाना, हमें अच्छा नहीं लगता
मोहब्बत में रूसबा हो जाना, हमें अच्छा नहीं लगता
वो हमसे मुख़ातिब हों न हों कोई बात नहीं,
पर किसी और से बतियाना, हमें अच्छा नहीं लगता
उनके मुस्कराने से भले ही चमकती हों बिजलियाँ,
पर कहीं और मुस्कराएं वो, हमें अच्छा नहीं लगता
ज़िंदगी भर इंतज़ार करूं ये कुबूल है मुझको,
फिर भी उनका बिछड़ जाना, हमें अच्छा नहीं लगता
ताने तो रोज़ कसते हैं हम भी उन पर यारो,
पर कोई और बुरा बोले उनको, हमें अच्छा नहीं लगता
गर भूल जाएं हमको कोई शिकवा नहीं हमें,
पर किसी गैर पर दिल लुटाएं, हमें अच्छा नहीं लगता
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत है,
हम उसकी #याद में परेशान बहुत हैं...
वो हर बार #दिल तोड़ता है यह कह कर...
मेरी उम्मीदों के दुनियाँ में अभी मुकाम बहुत हैं।
Kaise ham batayein ki ham pyar tum hi se karte hai,
Kaise ham batayein ki ham tum par hi bas marte hai.
Par ham tumse ikraar karne se darte hai,
Tere #ishq ne aise ghaav diye jo tujhe dekhe bin na bharte hai.