जग में ऐसे लोग भी हैं, दिल में उजियारा कर जाते हैं
कुछ अपनी दी चोटों से, मन में अंधियारा भर जाते हैं
बुरे वक़्त में साथ निभाते गैरों को देखा है अक्सर,
पर बनते थे जो अपने कभी, घोर निराशा भर जाते हैं
अपनापन तो खत्म हो गया मतलब परस्त ज़माने में,
अपने तो मौका मिलते ही, जीवन में ज़हर भर जाते हैं...

Leave a Comment


Notice: ob_end_clean(): Failed to delete buffer. No buffer to delete in /home/desi22/desistatus/view.php on line 331
0