चरागों का रात भर जलना, हमें अच्छा नहीं लगता
किसी का यूं कलेजा फूंकना, हमें अच्छा नहीं लगता
क्यों विवस करते हैं लोग किसी को जलने के लिए,
यूं रात भर तारों का गिनना, हमें अच्छा नहीं लगता
फूलों के साथ काँटों को क्यों लगा दिया तूने ख़ुदा,
इस तरह काँटों का चुभना, हमें अच्छा नहीं लगता
आये थे इस दुनिया में मुस्करा कर जीने के लिए,
पर इस तरह रो रो के जीना, हमें अच्छा नहीं लगता
हम खुद तो सह सकते हैं हज़ारों रंज़ो गम लेकिन,
किसी और का दिल दुखाना, हमें अच्छा नहीं लगता

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