हम आँखों से अश्क ढलने नहीं देते
अरमान दिल से निकलने नहीं देते
दिल भले ही तडपता रहे रात दिन,
फिर भी हम उसे भटकने नहीं देते
अपनों की बात क्या है हमतो यारो,
गैर को भी दिल से निकलने नहीं देते
यादों के अंधेरों में गुम रहते हैं हम,
उनके साये हमें चैन से रहने नहीं देते
सोचता हूँ कि भला कैसे बढ़ूंगा आगे,
उनके बिछाये कांटे मुझे चलने नहीं देते...

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