#दिन हो या #रात, हम बस #सफ़र करते है,
#गर्मी हो या #बरसात, हम बस #सफ़र करते है...
नही #जानते कौन #पास है #कौन नही,
हम तो बस हर #पल में सफ़र करते है...
यूँ तो #भेदभाव है ज़ात_पात का बहुत,
भेदभाव #छोड़ हम तो बस सफ़र करते है..
#दोस्तो जीवन के चक्रकाल में करते है मस्कक्ते,
दो #पल की #खुशी पाने को #हम बस #सफ़र करते है...

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