यारो ग़मों में भी मुस्कराना, बात छोटी नहीं !
गैरों को भी अपना बनाना, बात छोटी नहीं !
जब रास्ते की मुश्किलें बढ़ाने लगें फासले,
तो भी #मंज़िल पे पहुँच जाना, बात छोटी नहीं !
#ज़िंदगी की राह में मिलते हैं लोग कितने ही,
उनके दुखों में काम आना, बात छोटी नहीं !
दरिया ए जहान में घड़ियाल बहुत हैं दोस्त,
उनसे अपने को बचा पाना, बात छोटी नहीं !
जो रुसबाइयों के मंज़र में फंसे हैं रात दिन,
उनके चेहरों पे चमक लाना, बात छोटी नहीं !
जहां पर #नफरतों का ही बोलबाला हो,
वहां भी #मोहब्बतें निभा पाना, बात छोटी नहीं !

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