उनका ख़याल दिल से, हम मिटा न पाए,
बहुत चाहा भूलना मगर, हम भुला न पाए !
उनकी जफ़ाओं का है याद हमें हर लम्हां,
मगर #मोहब्बत की शमा, हम बुझा न पाए !
उनके चेहरे की वो हंसी याद है अब तलक,
मगर अपना बुझा चेहरा, हम दिखा न पाए !
गर नसीब है ऐसा ही तो क्या दोष दें उनको,
दोष अपना है कि #रिश्ता, हम निभा न पाए !
बड़ा ही घमंड था दिलों को पढ़ने का हमें ,
मगर पता उनके दिल का, हम लगा न पाए !

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