कमाल है ना........
#आँखे किसी की #तालाब नहीँ,
फिर भी भर आती हैँ...
#दुश्मनी कोई #बीज नही,
फिर भी बोयी जाती है...
#होठ किसी का #कपड़ा नही,
फिर भी #सिल जाते हैँ...
#किस्मत किसी की सखी नही, फिर
भी #रुठ जाती है...
#बुद्वि किसी की #लोहा नही,
फिर भी क्यूँ #जंग लग जाती है...
#आत्म सम्मान किसी का #शरीर नहीं,
फिर भी #घायल हो जाता है...
और
जब इन्सान #मौसम की तरह नही,
तो फिर क्यूँ #बदल जाता है... !!!

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