नज़रों की चाहत है, कि जी भर के दीदार करें
और #दिल चाहता है, कि जी भर के प्यार करें
मगर कैसे समझाएं इन दो दिवानों को हम,
कि #नसीब में लिखा है, कि बस इन्तज़ार करें
लौट कर आ भी सकते हैं खोने वाले, मगर
जो हो गया #बेवफा, उस पे क्यों दिल निसार करें
वो तो पागल हैं जो बेगानों में अपना ढूंढते हैं,
बेहतर यही है, कि हम तक़दीर पर ऐतबार करें...

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