सदा नहीं उड़ सकता पंछी लौट जमीं पर आता है
एक बार में उड़ कर पंछी #मंजिल कभी न पाता है
उड़ो #गगन में रहो धरा पर तुम मंजिल पा जाओगे
#जीवन के इस रंग मंच पर अपना नाम कमा जाओगे
जो #जमीन पर रहता है उसका कुछ नुकसान नहीं
गिर कर फिर उठ सकता है इसमें कुछ अपमान नहीं (y)

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