Shanti Swaroop Mishra

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Apna har zakham dikhaya na kijiye

अपने आंसुओं को, आँखों से टपकने न दीज़िये.
दर्दे दिल खोल कर, किसी को दिखाया न कीजिये
लोगों का क्या वो तो तैयार बैठे हैं ,
अपना हर ज़ख्म, हर किसी को दिखाया न कीजिये

Sirf bibi ke belan se darte hain

कुछ लोग काम के बोझ से डरते हैं
कुछ लोग ऑफिस में बॉस से डरते हैं
हम नहीं डरते किसी से अब,
अब हम सिर्फ बीबी के बेलन से डरते हैं

Kyun paraya bana deti hai duniya

बनाने के बाद क्यों मिटा देती है दुनिया
सामने से हटते ही क्यों भुला देती है दुनिया
बस कुछ देर पहले तक उनके थे हम
पलक झपकते ही पराया बना देती है दुनिया

Vartnmaan Mein Jiyo Tabhi Khushi Milegi

फंसे रहे गर भूत काल में, तो कोई खुशी नहीं मिल पायेगी
कल की चिंता में गर डूबे, तो भी खुशी नहीं मिल पायेगी
कल क्या था कल क्या होगा मत सोचो,
बस वर्तमान में जिओ नहीं तो कभी खुशी नहीं मिल पायेगी

Bade chhoton ko kabad samjhte hein

धूल के ज़र्रे, पत्थर के टुकड़े को भी पहाड़ समझते हैं
चूहे, हल्की आवाज़ को भी शेर की दहाड़ समझते हैं
छोटे तो अदब करते हैं बड़ों का,
पर बड़ों का क्या, वो तो छोटों को कबाड़ समझते हैं


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