कौन कहता है कि हम अब बदल गये हैं
हम तो हवाओं के रुख के साथ ढल गये हैं
पहले हर चीज़ लगती थी अपनी सी यारो
अब तो हर चीज़ के मालिक बदल गये हैं
हम तो गीत गाते रहे औरों के लिये सदा
अब तो वक़्त के साथ तराने बदल गये हैं
हर पल खुशी का नाम कर दिया जिनके
अफसोस वही कहते हैं कि हम बदल गये हैं
वक़्त कब आयेगा ज़िंदगी के लिये
जब ग़म न होंगे कुछ घड़ी के लिये
कोंन है तेरा इस दुनिया में अय दिल
क्यों तड़पता है तू हर किसी के लिये
क्यों बेक़रार है तू हर चीज़ पाने को
बेखबर इस ज़रा सी ज़िंदगी के लिये
ग़मों के सायों ने इस कदर घेरा यारो
तरस गयी #ज़िंदगी एक खुशी के लिये
न पूंछो हमसे कि, सहने की हद कितनी है
कर ले ज़फ़ा तू भी, करने की हद जितनी है
बेवफाओं को खूब देखा है क़रीने से हमने,
बस देखना बाक़ी है कि, तेरी हद कितनी है
अब हम तो घुस गये हैं ज़फ़ा के दरिया में,
ये भी देख लेते हैं कि, इसकी हद कितनी है
कोई भी ग़म नहीं उनकी बेवफाई का हमें,
ये मालुम है हमको कि, अपनी हद कितनी है
अपनों से ज़िंदगी में, जब बेहाल हो गये
हर तरफ से हम, जब फटे हाल हो गये
तलाश लिया ठिकाना हमने अंधेरों में,
दुनिया के लिये हम, एक सवाल हो गये
अब सोचता रहता हूं अपनों के करिश्में,
जिनके लिये मरते हुए, कई साल हो गये
या खुदा क्या इन्हीं को कहते हैं रिश्ते,
गर यही सच है, फिर तो कमाल हो गये
शौक से निभाये रिश्ते जिसे चाहत है,
माफ करना यारो, हम तो निहाल हो गये...
किसी को भुला पाना आसान नहीं होता
दिल को मना पाना आसान नहीं होता
सालों की संजोई यादों को कैसे भुलायें
तस्वीर को मिटा पाना आसान नहीं होता
खुशियों का मंज़र वो दिलकश फिज़ांयें
ज़न्नत को भुला पाना आसान नहीं होता...