Mohabbatein Jo Dil Mein Hai
वो मोहब्बतें जो तुम्हारे दिल में हैं,
उससे जुबां पर लाओ और बयां कर दो,
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ,
हम बस सुनें ऐसे बे-ज़ुबान कर दो |
वो मोहब्बतें जो तुम्हारे दिल में हैं,
उससे जुबां पर लाओ और बयां कर दो,
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ,
हम बस सुनें ऐसे बे-ज़ुबान कर दो |
आँखों सेआंसू भी न निकले और नमी भी है…
उनकी याद भी साथ है और तन्हाई भी है
सांस तो साथ है मगर जिन्दगी नहीं,
हर सांस मे तू रहती भी है और तेरी कमी भी है
तेरी चुप्पी का सबब हम जानते है ,
लरज़ते होंठों की शिकायत हम जानते है ,
मेरी हिचकी भी दे रही है गवाही मुहब्बत की,
तेरे पलकों की हरकत भी हम जानते है...
यूं बेसबब इतनी ज़िल्लतें, उठाते ही क्यों हो
यूं आँखों को हसीं सपने, दिखाते ही क्यों हो
गर आ के चले जाना ही है, फितरत तुम्हारी
तो यूं ज़िन्दगी में किसी के, आते ही क्यों हो
जब देना ही मात्र धोखा है, मक़सद तुम्हारा
तो फिर यूं रो-रो के रिश्ते, बनाते ही क्यों हो
कर देती जुबाँ ही जब, खुलासा राज़ दिल के
तो फिर यूं चेहरे पे मुखौटे, लगाते ही क्यों हो
न देखता है कोई भी अब, मुसीबत किसी की
तो हर किसी को दर्द अपने, बताते ही क्यों हो
जहाँ मिलती हैं ठोकरें ही, हर कदम पे 'मिश्र'
तो उस डगर पे कदम अपने, बढ़ाते ही क्यों हो
कभी कभी न का मतलब इंकार नही होता,
कभी कभी हर नकामयाबी का मतलब हार नही होता,
अरे क्या हुआ तू हमारे साथ नही,
क्योंकि हर वक्त साथ रहने का मतलब प्यार नही होता।