तक़दीर फिर उनके करीब खींच लायी है
दिल में प्यार की उम्मीद जगमगाई है
क्या हुआ, आज क्यों उदास है मेरा चांद,
शायद किसी और सूरज की याद आई है
अभी तो एक कदम भी न चले थे हम,
फिर ये ज़िंदगी किस पत्थर से टकराई है
अभी अभी तो पतझड गुज़रने को था पर,
एक बार फिर कहाँ से खिज़ां चली आई है
ग़मों की दवा खोजने चला था मैं बेचारा,
पर अफ़सोस कि यहाँ भी वही रुसबाई है
क्या गुज़री है दिल पर क्या बताएं हम,
ये दुनिया भी क्या है बस एक तमाशाई है
आवारा दिल भला क्या समझे ये मंज़र,
वो तो उधर दौड़ पड़ता है जिधर आश्नाई है
जिधर देखता हूँ उधर ग़मों का दलदल है,
या खुदा तू ही बता क्या यही तेरी खुदाई है...
कभी दिल लगाने की बात करते हैं
कभी दिल जलाने की बात करते हैं
ख़ुद ही तो तमाम ग़म दिये हमको
फिर भी मुस्कराने की बात करते हैं
एक पल भी न साथ दे सके हमारा
पर उम्र भर निभाने की बात करते हैं
दिल में उमड़ते है नफरत के शोले
फिर भी दिल मिलाने की बात करते हैं
नफ़रत करें या प्यार करें मैं तो एक दीवाना हूँ #दिल में रखें या बाहर फेंकें मैं तो एक अंजाना हूँ
मेरी ख़ता कोंन सी है मुझको पता नहीं यारो
वो चाहें मुझे जला डालें मैं तो एक परवाना हूँ...
वो जो आये ज़िंदगी में, फिर से जवानी आ गयी
दिल का अंधेरा छंट गया, फिर से रवानी छा गयी
ये सच है या सपना ये तो खुदा जाने,
पर जिंदगी के सफर में, फिर पुरवा सुहानी आ गयी <3