Dosti hamesha sath deti hai
दोस्ती की इमारत भरोसे पर खड़ी होती है
दुनिया के हर रिश्ते से #दोस्ती बड़ी होती है
छट जाती है भीड़ अपनों की वक़्त आने पर
पर दोस्ती हर हालात में क़रीब खड़ी होती है...
दोस्ती की इमारत भरोसे पर खड़ी होती है
दुनिया के हर रिश्ते से #दोस्ती बड़ी होती है
छट जाती है भीड़ अपनों की वक़्त आने पर
पर दोस्ती हर हालात में क़रीब खड़ी होती है...
ख़ुदा बड़ा अज़ीब है, कैसे रिश्ते बना देता है
देखा न था जिसको कभी, अपना बना देता है
जो लगता है दिल को हमसफ़र जैसा,
उसको वो अंजान सा, मुसाफ़िर बना देता है...
नज़रें मिला कर चला गया कोई
मेरा चैन चुरा कर चला गया कोई
बस देखता ही रह गया गुमसुम सा
दिल में उतर कर चला गया कोई
अंधेरा पड़ा था दिल का हर कोना
रोशनी दिखा कर चला गया कोई
बंद हो गया ख़्वाबों का सिलसिला
मेरी नींदें चुरा कर चला गया कोई
किससे पूंछूं उसका ठिकाना दोस्तो
कुछ भी न बता कर चला गया कोई...
प्यार की इस दुनिया में, नफ़रत का बसेरा क्यों है
खुशियों की हर महफिल में, ग़म का अंधेरा क्यों है
क्या हुआ है इस दुनिया को ए मेरे ख़ुदा,
तेरी बनाई इस धरती पर, ज़ुल्मों का बसेरा क्यों है....
दिल मेरा कोई शीशा नहीं जो यूं ही टूट जाएगा
अगर खंज़र भी चुभाओगे तो वो भी टूट जाएगा
मार लो जितना कस के मार सकते हो दोस्तो
इस फौलाद से टकरा कर पत्थर भी टूट जाएगा
जमाने की रूसबाईयों ने सख़्त बना दिया इसे
अब इसको रुलाने में यारों को पसीना छूट जाएगा
वक़्त था जब प्यार के झरने फूटते थे इससे
अब इतना शुष्क है कि रेगिस्तान पीछे छूट जाएग