Ye Mohabbat ajeeb hai yaaro
चाँदनी चकोर को दीवाना बना देती है
मुस्कराती शमा पतंगे को जला देती है
ये #मोहब्बत भी अजीब शै है यारो,
जो हंसने की चाह में रोना सिखा देती है...
चाँदनी चकोर को दीवाना बना देती है
मुस्कराती शमा पतंगे को जला देती है
ये #मोहब्बत भी अजीब शै है यारो,
जो हंसने की चाह में रोना सिखा देती है...
वक़्त का क्या पता, कौन सा वो ग़ुल खिला दे
आज जो ऊँचा खड़ा है, कल उसे धरती दिखा दे
वक़्त की कनीज़ है हर चीज दुनिया की,
जब चाहे ऊपर बिठा दे, जब चाहे नीचे गिरा दे...
वक़्त का मरहम, हर ज़ख्म मिटा देता है
वो जमाने से मिला, हर गम भुला देता है
जिनकी याद में महीनों बहाते हैं हम आँसू,
वक़्त अपनी ग़र्द में, उनको भी छुपा देता है
लगता है कि न जी सकेंगे उनके बिना हम,
पर खामखा का वहम भी, वक़्त मिटा देता है
ये आना और जाना तो चलन है दुनिया का,
पर वक़्त का चाबुक हमें, जीना सिखा देता है...
अपनों के ज़ुनून में सपनों को मिटा दिया हमने,
रिश्तों की चाह में खुद को भी मिटा दिया हमने
जब तक जान पाते कि झूठे हैं ये नाते रिश्ते,
उनकी कुटिल चालों में सब कुछ मिटा दिया हमने
जब गर्दिश के भंवर में फंस जाओ,
तो धैर्य का दामन मत छोड़ो
जब खुशियों का सहारा मिल जाये,
तो अपनों का दामन मत छोड़ो
चाहे संकट आये या खुशियाँ बरसें,
पर यारों का दामन मत छोड़ो
जो है नसीब में वो मिल जाएगा,
पर ईमान का दामन मत छोड़ो...