Shanti Swaroop Mishra

921
Total Status

Vote ke bhikhari nikal pade hain

आज कल हर गली में वोटों के भिखारी निकल पड़े हैं
कुटिल राजनीति के मझे हुए खिलाडी निकल पड़े हैं
गलतियों का दोष औरों पर मढने का जो चलन है
उसे निभाने के लिये बहुत से अनाड़ी निकल पड़े हैं

जनता को वो झूठे वादे अब फिर से मिलने वाले हैं
हम जनता के सेवक हैं झांसे फिर से मिलने वाले हैं
दुनिया की सारी सुख सुबिधायें अब जनता की हैं
सावधान जनता अब वोटों के भिक्षुक मिलने वाले हैं


 

Kanton Ko Salaam Karta Hun

मैं फूलों का नहीं कांटों का एहतराम करता हूँ
फ़ितरत है चुभने की फिर भी सलाम करता हूँ
फूलों का क्या भरोसा वो मुस्कराएं कब तक,
सो ज़िंदगी भर की चुभन का इंतज़ाम करता हूँ...

Auron ko dosh dete hain

अगर ठोकर लगती है तो रास्तों को दोष देते हैं
खिलाडी हार जाते हैं तो निर्णय को दोष देते हैं
डूबते हैं गलती से लेकिन दरिया को दोष देते हैं
नाकारा लोग तो अपनी किस्मत को दोष देते हैं
गलती सन्तान करे लोग मां बाप को दोष देते हैं
काम बिगड जाता है तो हालात को दोष देते हैं
अपने दिलों में कभी झांक कर नहीं देखते हम
गलती खुद करते हैं पर दूसरों को दोष देते हैं...

Pyar ne jeena marna sikha diya

प्यार ने हमें जीना सिखा दिया, मरना सिखा दिया
दुनिया के हर दर्द को, सीने में छुपाना सिखा दिया
मोहब्बत का दुश्मन रहा है ये जमाना,
पर मोहब्बत ने हमको, जमाने से लड़ना सिखा दिया

Bewafa Nikla Vo Farebi Chehra

भोले चेहरे पर मिटकर खुद को उनका दास बना दिया
गलत फहमी थी कि उसने जिंदगी को खास बना दिया
बड़ा ही बेवफा निकला उनका फरेबी चेहरा,
मेरी हरी भरी जिंदगी को मिटाकर सूखी घास बना दिया