Shanti Swaroop Mishra

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Par Kimat na samjhe ehsaas ki

मैने सभी रिश्तों को बड़े जतन से निभाया था
अपनों के दिलों को अपने दिल से मिलाया था
पर कोई कीमत न समझा मेरे अहसास की
उसी ने उल्लू बना दिया जिसे जीना सिखाया था

Dard ke lamho ko na socho

उन दर्द भरे लम्हों को मत सोचो,
कहीं फिर से न कोई पीड उभर आये
जिनको भुलाया था बामुश्किल से,
कहीं फिर से न कोई तीर निकल आये
क्यों उलझे हो अतीत के झंझट में,
आगे जीवन अभी बहुत पड़ा है,
कहीं फिरसे न कोई कील निकल आये

Zindagi Bhar Vada Nibhate Hum

हमने जो वादा किया वो ज़िंदगी भर निभाते हम
हर मोड़ पर उनकी खिदमत में नज़र आते हम
पर बीच मंझधार में हाथ क्यों छोड़ दिया,
पहले इशारा किया होता दुनिया ही छोड़ जाते हम

Yahan Pyar Bhi Muft Nahi Milta

बिना हवाओं के कभी भी पत्ता नहीं हिलता
बिना खाद पानी के कभी फूल नहीं खिलता
गांठ में नोट हों तो प्यार की सोचिये,
आजकल यहां प्यार भी मुफ़्त में नहीं मिलता

Jisko Pyar Ki Kadar Nahi

जिसको वफा की कद्र नहीं, वो बेवफाई की कीमत क्या जाने
जिसको प्यार की कद्र नहीं, वो नफरत की कीमत क्या जाने
जिसने जीना कभी सीखा ही नहीं,
वो दुनिया के इस खेले में, भला मरने की कीमत क्या जाने...