Dost Khush To Hum Bhi Khush
मेरे नसीब में खुशी न हो तो कोई बात नहीं
मेरे लवों पर हंसी न हो तो कोई बात नहीं
मैं तो खुश हूं दोस्तों की हंसी से,
मेरे लिये उनकी खुशी से बड़ी कोई बात नहीं
मेरे नसीब में खुशी न हो तो कोई बात नहीं
मेरे लवों पर हंसी न हो तो कोई बात नहीं
मैं तो खुश हूं दोस्तों की हंसी से,
मेरे लिये उनकी खुशी से बड़ी कोई बात नहीं
मुझे बड़ा दिल नहीं बस बड़ा घर चाहिये
मुझे झूठे सपने नहीं बस हकीकत चाहिये
प्यार से किसी का पेट नहीं भरता
मुझे चाहते हो तो बस कुछ करके दिखाइये
अब प्यार की खातिर बड़ा घर कैसे बनाएं
इस मंहगाई में सपने हकीकत कैसे बनाएं
उन्होंने तो शर्त लगा दी प्यार में,
कोई तो बता दे हमको, हम प्यार कैसे बचायें
एक उजड़े हुए चमन में, कभी फूल नहीं खिला करते
कंगाल के घर में कभी, जवाहरात नहीं मिला करते
लोग कहते हैं, प्यार का अहसास भरो लफ्ज़ों में
पर जर्ज़र हुए दिलों में प्यार के रंग नहीं मिला करते
अपने प्यार का अशियाना, कभी हमने भी सजाया था
उसके ज़र्रे ज़र्रे ने फक़त, मोहब्बत का गीत गाया था
लम्बे वक़्त तक महफूज़ रखा हमने पर,
एक लम्हें में लुट गया सब, जो बड़े नसीब से पाया था
ज़िंदगी एक ख़्वाब है, कभी भी टूट सकता है
हुस्न का भी क्या भरोसा, कभी भी रूठ सकता है
ज़िंदगी गुब्बारा है, अहसास की हवाओं का
प्यार से पकड़ो, वरना कभी भी फूट सकता है