Ishq Ka Bhoot Jab Banaya Hoga
जब खुदा ने इश्क़ के भूत को बनाया होगा
वो भी युगों युगों तक बहुत पछताया होगा
उसने नहीं सोचा होगा परिणाम इसका
लगता है लैबोरेटरी से ओके नहीं कराया होगा
जब खुदा ने इश्क़ के भूत को बनाया होगा
वो भी युगों युगों तक बहुत पछताया होगा
उसने नहीं सोचा होगा परिणाम इसका
लगता है लैबोरेटरी से ओके नहीं कराया होगा
कोई अपना बनाता है कोई नफरत दिखाता है
कोई सपने दिखाता है तो कोई बातें बनाता है
ये अजीब लोग हैं दुनिया के
कोई खुद को अंधा बताता है कोई बहरा बताता है
किसी के लिये, किसी की अहमियत खास होती है
एक के दिल की चाबी, हमेशा दूसरे के पास होती है
सदियों ने कितने ही सबाल उठाये मगर,
शमां और परवानों की दोस्ती , क़ुछ खास होती है
मुझे आज भी इस उम्र में उनकी याद आती है
वर्षों गुज़र गये पर कल की बात नज़र आती है
उनकी मुस्कराहट नाचती है आंखो के सामने
दिल के अंधेरे कोने में बिजली सी चमक जाती है
क्या वो भी हमारी याद में दिल को जगाते होंगे
क्या कभी उनकी सोच में वो पल भी आते होंगे
मैं खूब समझता हूँ मजबूरियां उनकी
वो किसी के डर से नाम जुवां पर न लाते होंगे
ऊंचाइयाँ छूने की चाहत सभी को ज़रूर होती है
अरमान सजाने की चाहत सभी को ज़रूर होती है
कोई कितनी ही कसम खाये मगर
लोगों को मुफ्त में खाने की चाहत ज़रूर होती है