Pyar koi khel nahi
प्यार कोई दीया नहीं, जब चाहा जला दिया बुझा दिया,
ये बालू का महल नहीं, जब चाहा बना लिया मिटा दिया !
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है,
ये बच्चों का खेल नहीं, जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया !
प्यार कोई दीया नहीं, जब चाहा जला दिया बुझा दिया,
ये बालू का महल नहीं, जब चाहा बना लिया मिटा दिया !
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है,
ये बच्चों का खेल नहीं, जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया !
दिल के जज़्बात मैं, ज़माने को जता देता हूँ,
दिल की हर एक बात, यारों को बता देता हूँ !
उठाता हूँ नुक्सान भी इस दरियादिली का मैं,
पर लोगों की ज़फ़ा का, अंदाज़ लगा लेता हूँ !
वो दिन वो शाम वो रातें सब आँखों में हैं मेरी,
बस उन्हीं से मैं यादों का, कारवां सजा लेता हूँ !
इतनी फुर्सत नहीं कि अपना मुकद्दर टटोलूं,
अल्लाह के नाम पर, हर वक़्त मुस्करा लेता हूँ !
गुज़र जाएगी ये #ज़िन्दगी बस यूं ही रोते हँसते,
खुशियां हो या ग़म, सभी को साथी बना लेता हूँ !
आदमी के तजुर्बों की, एक किताब है ज़िन्दगी,
उसकी ख़ुशी और ग़मों का, हिसाब है ज़िन्दगी !
झूलता रहता है आदमी आशा निराशा के बीच,
सपनों व चाहतों का, भयंकर जंजाल है ज़िन्दगी !
ज़रूरतों ने बना डाला घन चक्कर आदमी को,
उसकी खामखयाली का, एक जवाब है ज़िन्दगी !
जो जानते हैं जीना जी लेते हैं इस दुनिया में वो,
वर्ना तो समझ लो कि, खाना खराब है ज़िन्दगी !
कुछ अलग से, काम करने की आदत है हमें,
हर ज़ुल्म को, हंस के सहने की आदत है हमें !
नहीं सोचते नफ़ा नुक्सान की बात हम कभी
क्योंकि अपनों के लिए, मरने की आदत है हमें !
लग जाता है लोगों को कुछ बुरा तो लगा करे,
पर अफ़सोस कि, खरी कहने की आदत है हमें !
रोज़ निकलते हैं मंज़िले मक़सूद की तलाश में,
मगर क्या करें, यूं राह भटकने की आदत है हमें !
भले ही बरसती हों हमारी आँखें अकेले में,
पर अपने ग़म को, छुपा रखने की आदत है हमें !
चेहरे पे ग़म, दिल में रुसबाइयां दे गया कोई !
जाते जाते भी, आँखों में रुलाइयां दे गया कोई !
हम अपने दिल को यूं किस तरह संभालें दोस्तो,
हमें तो ज़िन्दगी भर की, तन्हाईयाँ दे गया कोई !
खुशियों से लबरेज़ थी यारो ये ज़िन्दगी हमारी,
पर जाते हुए हमें, दर्द की गहराइयाँ दे गया कोई !
यूं ही भटकते रहे हम इस फरेबों की दुनिया में,
मगर हमें #ज़िन्दगी की, सच्चाइयाँ दे गया कोई !
दुनिया में कोई भी दुश्मन पैदा नहीं होता,
बनाते हैं उन्हें हम, इसकी गवाहियाँ दे गया कोई !