मेरी #मौत पर, आंसू बहाने मत आना
लोगों को झूठा ग़म, दिखाने मत आना
उम्र भर तरसते रहे जिस अपनेपन को,
खुदाया बाद मरने के, जताने मत आना
तडपेगी आत्मा तुम्हारे मुखौटे देख कर,
ख़ुदा के वास्ते, फिर से सताने मत आना
सो जाने दो चैन से अब तो हमें,
हमारी आखिरी नींद है, जगाने मत आना...
अल्लाह की रहमत में, बेईमानियाँ नहीं हुआ करतीं
मोहब्बत के भी खेल में, नादानियां नहीं हुआ करतीं
छल कपट के लिए #मोहब्बत में जगह नहीं होती यारो
कभी दिलों के बीच में, बदग़ुमानियाँ नहीं हुआ करतीं
शक ओ शुबा प्यार के दुश्मन हैं ये समझ लो दोस्तों
कभी भी सच्चे प्यार में निगहवानियाँ नहीं हुआ करतीं
कूद पड़े हो गर मोहब्बत के दरिया में, तो सुनो यारो
कभी भी सच्चे प्यार में, मनमानियां नहीं हुआ करतीं
जब वक़्त अच्छा था, तो रिश्ते निखरते चले गए
जब ख़राब दौर आया, तो रिश्ते बिखरते चले गए
आहिस्ता आहिस्ता अपनों ने किनारा कर लिया,
हम तो वही थे दोस्तो, मगर सब बदलते चले गए
दरख़्त जब सूखने लगा यूं वक़्त की मार से यारो,
बेवफा परिंदे भी, अपना ठिकाना बदलते चले गए
मुफ़लिस का कोई दोस्त नहीं हुआ करता,
जो कुछ बचे थे, बेहयाई से रस्ता बदलते चले गए
कभी हम भी उनके नज़दीक रहा करते थे
उनके दिए हर दर्द ओ ज़ख्म सहा करते थे
अपनी ज़िंदगी को न जाना कभी अपना
सिर्फ उनके लिए ही हम जिया मरा करते थे
लोग तो आते पूंछने खैरियत हमारी लेकिन
हम थे कि सिर्फ उनकी ही बात किया करते थे
हमारी औकात कुछ न थी ज़माने में दोस्तो
हर महफ़िल में उन्हीं का नाम लिया करते थे
एक साया गुज़र गया क़रीब से तो याद आया
कि हम भी कभी किसी से प्यार किया करते थे
हमें आसमां के सितारे, अब नहीं चाहिए
हमें समंदर के किनारे, अब नहीं चाहिए
डूबती है कश्ती तो डूब जाये अच्छा ही है,
हमको पतवार के सहारे, अब नहीं चाहिए
बाहर की दुनिया न रही जीने लायक अब,
हमें चाहत के झूठे इशारे, अब नहीं चाहिए
क्या मिला हमें झूठी तसल्ली के नाम पर,
हम को झूठ के झूठे सहारे, अब नहीं चाहिए
बेरहम दुनिया में कैसे जी पाओगे ?
हम को जीने के बहाने, अब नहीं चाहिए