ज़रा सी तेज़ हवा को, तूफ़ान मत समझो
वक़्त के मारों को, बे ईमान मत समझो
अपने अंदर भी झांक कर देख लो कुछ,
यूं ही किसी और को, शैतान मत समझो
ज़माना जानता है फितरत हर किसी की,
दुनिया में किसी को, नादान मत समझो
जो सच है उसी को ही पहिचानो दोस्तो,
हर किसी को अपना, भगवान मत समझो
न कर सको भला तो कोई बात नहीं, पर
किसी के लिए करना, अहसान मत समझो
लोगों के अंदर कुछ और, बाहर कुछ और होता है
दिखता है कुछ और, पर असल कुछ और होता है
आप इनके #मासूम चेहरों पर न जाइये साहिबान,
इनके चेहरे पे कुछ और, #दिल में कुछ और होता है
ग़मगीन होकर सुनेंगे तुम्हारे #दर्द की दास्तान ये,
मगर सामने कुछ और, पर पीछे कुछ और होता है
सच तो ये है कि सब निभाते हैं यही किरदार, मगर
अपने लिए कुछ और, गैरों के लिए कुछ और होता है
मत लगाओ अपनी कीमत, लोग बेचना शुरू कर देंगे
न गिनाओ कमियां अपनी, लोग खेलना शुरू कर देंगे
दिल खोलो उसी के सामने सो सच मुच तुम्हारा हो,
वरना तो ये फ़रामोश, कब्र में धकेलना शुरू कर देंगे...
टूटे दिलों को, जलाने की कोशिश न करिये
अपना होश, गंवाने की कोशिश न करिये
ज़िन्दगी तो है अपने आप में एक सज़ा,
यूं और दुःख, बढ़ाने की कोशिश न करिये
चल रही है #ज़िन्दगी मर मर के बस यूं ही,
राह में कांटे, बिछाने की कोशिश न करिये
गर अल्फ़ाज़ तीखे हैं तो चुप रहना बेहतर,
सीनों में तीर, चुभाने की कोशिश न करिये
जिनको भूल बैठे थे समय के फेर में "मिश्र",
उन्हें फिर से, भुलाने की कोशिश न करिये...
कभी सूरज किसी को रोशनी कम नहीं देता
कभी चाँद किसी को चाँदनी कम नहीं देता
हवाएँ बहती हैं बराबर सभी के लिए
कभी #बादल किसी को बारिश कम नहीं देता
सितारे चमकते हैं रात भर सब के लिए
आसमां कभी किसी को रहमत कम नहीं देता
पेड़ों की छाँव भी बराबर है सभी के लिए
वो किसी पखेरू के लिए जगह कम नहीं देता
अफसोस, ये आदमी है हो करता है भेद
वर्ना क़ुदरत का हाथ किसी को कम नहीं देता...