कैसे भूल जाऊं मैं हर पल मुस्कराना उनका
कभी कभी न मिलने के लिये बहाना उनका
दुनिया के शोर में भी न भूल पाता मैं
कोयल सी आवाज़ में मुझको बुलाना उनका
मैं सब कुछ भूल जाऊं गवारा है मुझको
लेकिन कैसे भूल जाऊं मैं प्यार पाना उनका
ग़म देकर ज़ुदा हो गये कोई शिकवा नहीं
पर याद आता रहेगा वो आँखें झुकाना उनका
उनका अलग होना कैसे कहूँ बेवफाई
आँखों का डबडबाना बता गया अफसाना उनका

Leave a Comment