गनीमत हैं गैरों ने लूटा, यहां तो अपने लूट जाते हैं
जो बड़ी मुश्किल से बनते हैं, वो रिश्ते टूट जाते हैं
बंट जाते हैं टुकड़ों में ये खून के रिश्ते भी,
बचपन के वो प्यारे से किस्से, सब पीछे छूट जाते हैं...

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