हर तरह के 👹 मुखौटे 👺, वो लगाए हुए हैं,
लोग औकात अपनी, यूं छुपाये हुए हैं !
क़त्ल करके भी बेगुनाह बनते हैं वो,
झूठी शराफत के, चश्मे 😎 लगाए हुए हैं !
हर तरफ दिखता है अजब सा समां,
🌹फूलों 🌻 की राहों में, कांटे बिछाए हुए हैं !
अपनों पे क्या यक़ीं कब तक निभाएं,
अंदर तो वो भी, मतलब बसाये हुए हैं !
जो भी दिखता है वो वैसा नहीं है दोस्त,
सब के सब तो,असलियत छुपाये हुए हैं !

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