बाल कटाकर सब अपनी पहचान बेचने चले !
गुरु ने जो दिए थे सब निशान बेचने चले !
बेटे को अल्कोहल खा गई
ऊपर से कैंसर पिता को पहले थी
जमीन बेची अब मकान बेचने चले !

लूट लेते हैं भोले किसान को मंडियों में
व्यापारी कम दाम पड़ता
फिर भी फसल किसान बेचने चले !
क्या महिला बनाना यारा तूने
सच को लगाकर फांसी लूटो की तरफ
देख लेना जब तुम ब्यान बेचने चले !

कहीं धंधा जिस्म फरोशी का
कहीं है बिक्री लड़कियों की तौबा मेरे मालका
इंसानों को इंसान बेचने चले !
हम पत्थरों को पूजने वाले
उस राम को कैसे पाएंगे
अपना व्यापार करने के लिए
लकड़ी का भगवान बेचने चले !!!

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