थके हुए राही को मंज़िल की आश चाहिए ,
खो दिया जो हमने वो विश्वास चाहिए,
बर्बाद होते देश को बचाने की खातिर ,
फिर से हमको वो ही सुभाष चाहिए ,
डूबती नैया को बचाले मंझधार से ,
माझी हमें ऐसा पतवार वो ही चाहिए ,
त्याग में पटेल हो ,भगत सिंह ,आज़ाद हो ,
शास्त्री के जैसा ईमानदार चाहिए ,
ला सके जो पानी को खीच के पाताल से ,
अर्जुन का तीर और कमान वो ही चाहिए '
लालच में हो के चूर खो दिया जो हमने ,
वापस माँ भारती का सम्मान चाहिए...

Leave a Comment


Notice: ob_end_clean(): Failed to delete buffer. No buffer to delete in /home/desi22/desistatus/view.php on line 331
0