दर्द दुनिया के हमने, सीने में छुपा रखे हैं ,
मगर चेहरे पे, ख़ुशी के मुखौटे लगा रखे हैं !
क्या मिलेगा तमाशा दिखा कर औरों को,
हमने तो दामन में, हर ज़ख्म छुपा रखे हैं!
ये #ज़िन्दगी का सफर तो लाज़िम है दोस्तो,
बस राहों के लिए, कुछ तज़ुर्बे बचा रखे हैं!
कैसे जीते थे लोग कभी हज़ारों साल तक,
अपनी छोटी सी, ज़िंदगी ने नाच नचा रखे हैं !
होठ सीं रखे हैं दोस्त जमाने ने हमारे तो,
अलबत्ता हमने भी, बातों के तीर सजा रखे हैं !!!