दर्द ए दिल मैं अपना, बताऊँ किस तरह,
मैं तराना ज़िंदगी का, सुनाऊँ किस तरह !
हो चुकी है जुबां बंद मेरी सदमों से यारो,
अफ़साने #ज़िंदगी के, मैं बताऊँ किस तरह !
देखना है तो देख लो आँखों में झांक कर,
अब दिल में मेरे क्या है, बताऊँ किस तरह !
ताउम्र मैं सहता रहा दुनिया के रंजो ग़म,
अब तक हूँ हाथ खाली, जताऊं किस तरह !
बहुत कांटे हैं अब भी इस #सफर में दोस्तो,
थक गया हूँ इतना, उन्हें हटाऊँ किस तरह ???

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