अपनी "आदतों" के अनुसार चलने में,
इतनी "गलतियां" नहीं होती....
जितनी दुनिया का ख्याल और लिहाज़…
रख कर चलने में होती है !!!
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इतनी "गलतियां" नहीं होती....
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