तेरे जाने से जैसे हर खुशी चली जाती है
तू न हो तो चांद से रोशनी चली जाती है
क्या हाल होता है मेरा ये तो खुदा जाने
शरीर रहता है मगर ज़िंदगी चली जाती है
दिन कट जाता है तेरी राह तकते तकते
और रात यूं ही गुमसुम सी चली जाती है...
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