फिर उसी चाँद से रिश्ता बना बैठे,
फिर उसी सादगी से फरेब खा बैठे
पत्थरों से थे तालुकात हमारे,
और हम शीशे का घर बना बैठे... :( :'(
You May Also Like






फिर उसी चाँद से रिश्ता बना बैठे,
फिर उसी सादगी से फरेब खा बैठे
पत्थरों से थे तालुकात हमारे,
और हम शीशे का घर बना बैठे... :( :'(