जीने की कहीं चाह बाकी है
ना जानें कितनें अभी #गुनाह बाकी हैं,

बदनाम ना होंगे तेरे #शहर में इस मरतबा
क्योंकि तेरा होना #बदनाम अभी बाकी है...

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