अब झूठी वफ़ा जताने से, भला क्या फायदा,
#मोहब्बत के हलफ़नामे, से भला क्या फायदा !
कहोगे कि जकड़े थे ज़माने कि मज़बूरियों में,
अब तो किसी भी बहाने से, भला क्या फायदा !
ज़ख्मों में #दर्द है तो होने दो तुम्हें क्या ज़ालिम,
अब यूं दर्द की दवा देने से, भला क्या फायदा !
जल चुकी है अब तो दीये की बाती भी यारो,
अब उसमें तेल बढ़ा देने से, भला क्या फायदा !
वक़्त के साथ न चले तो कैसी #ज़िंदगी दोस्त ,
अब यूं व्यर्थ में हाथ मलने से, भला क्या फायदा !!!

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