जिस दिन से उनसे दूर हुए, हमने तो हँसना छोड़ दिया
हो कर रह गए दीवारो में क़ैद, बाहर निकलना छोड़ दिया
जब तक वो थे मेरे क़रीब दिल की कली मुस्काती थी
गुलशन में अब क्या रखा है, फूलों ने महकना छोड़ दिया
कितनी मुद्दत गुज़र गयी अब तो कुछ भी याद नहीं,
यादों का कारवां गुज़र गया, आँखों ने छलकना छोड़ दिया
देखी हैं गज़ब की रुसबाईं बेचारे इस #दिल ने भी
वो सोच सोच कर हार गया, उसने भी मचलना छोड़ दिया...
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