जो मुकद्दर में था उसी से गुज़ारा कर लिया
अंगूर खट्टे समझ कर उनसे किनारा कर लिया
सपनो के पीछे खूब भागे मगर,
हकीकत की सजाओं ने मुझे बेचारा कर दिया
जो मुकद्दर में था उसी से गुज़ारा कर लिया
अंगूर खट्टे समझ कर उनसे किनारा कर लिया
सपनो के पीछे खूब भागे मगर,
हकीकत की सजाओं ने मुझे बेचारा कर दिया