कभी खुशियों के कारवां, तो कभी #गम के मेले
कभी आशा की रौशनी, कभी निराशा के अँधेरे
कभी महफ़िलों के रंग, कभी तन्हाई में अकेले
कभी पाने की ख्वाहिशें, तो कभी खोने के झमेले
कभी अपनों के दर्द देखे, कभी गैरों के दंज झेले
कभी दीपों की छटा देखी, कभी होली के रंग खेले
चलता रहा ज़िन्दगी का यूं ही हसीन सिलसिला,
कभी मिल गया कोई साथी, कभी चल पड़े अकेले
दुःख सुख का संगम है ये ज़िन्दगी का मेला भी,
बस आते रहेंगे लोग यहां, और लगते रहेंगे मेले...

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