बह रहा हर किसी के लिए वो दरिया हूँ मैं
कभी ख़ुशी का कभी #गम का नज़रिया हूँ मैं
नहीं मिलते कभी भी मेरे दोनों किनारे मगर,
उनकी धड़कनों को मिलाने का ज़रिया हूँ मैं...
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बह रहा हर किसी के लिए वो दरिया हूँ मैं
कभी ख़ुशी का कभी #गम का नज़रिया हूँ मैं
नहीं मिलते कभी भी मेरे दोनों किनारे मगर,
उनकी धड़कनों को मिलाने का ज़रिया हूँ मैं...