कभी आएगा वक़्त कुछ ऐसा भी, ये कभी सोचा न था,
हमसे चला जाएगा वो बिन मिले, ये कभी सोचा न था !
चाहता तो गुज़र सकता था मैं भी कभी उधर से मगर,
यूं बदल जाऊंगा इस क़दर मैं भी, ये कभी सोचा न था !
मज़बूर था कि बढ़ाई दूरियां उसने ही तो क्या करता,
हो जायेंगे कभी अजनबी हम भी, ये कभी सोचा न था !
वक़्त था कि दौड़ पड़ते थे उनकी आमद की सुन कर,
बदल जाएगा इस कदर सब कुछ, ये कभी सोचा न था !
सच है दोस्त कि याद जाती नहीं उनकी कभी दिल से,
मगर कुछ इस तरह होंगे जुदा हम, ये कभी सोचा न था !

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