हम किसे कहें और कौन सुनेगा, हम कैसे बर्बाद हुए
कैसे गुज़रीं वो काली रातें, और दिन कैसे बर्बाद हुए
मेरे #गुलशन के फूलों की वो खुशबू जाने कहाँ गयी,
हम कैसे बताएं दुनिया को, कि गुल कैसे बर्बाद हुए
#महफ़िल में थे कितने चेहरे किस किसको याद रखूँ,
कुछ तो दिल में बैठ गए, कुछ दिल से आज़ाद हुए
बस तेरा मेरा के चक्कर में सारा जीवन निकल गया,
नहीं हमें कभी चैन मिला, और ना फिरसे आबाद हुए...

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