खुश है ज़िंदगी से जो, उसे आबाद रहने दो,
दिल की धड़कनें यूं ही, बे-आवाज़ रहने दो !
न उखाड़ो गढ़े मुर्दों को यूं ही बेसबब यारो,
यूं गुज़रे हुए लम्हों को, मत आज़ाद रहने दो !
नहीं है फरिश्ता कोई इस जमाने में अब तो,
संभालो खुद को ही, औरों की बात रहने दो !
न सिखाइये अपनी सरगम किसी को ,
जो खुश है जिस अंदाज़ में, वो अंदाज़ रहने दो !!!