खुशियाँ बटोरने से नहीं, उन्हें बांटने से मिलती हैं
दौलत की खुशी रखने से नहीं, खर्चने से मिलती है
खुशियों बाज़ार में नहीं मिलतीं दोस्तो,
खुशियाँ तो गैरों को भी, अपना बनाने से मिलती हैं

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