न कोई भी रिश्ता, दिल ❤ के करीब निकला,
जो भी निकला, वो दिल का गरीब निकला !
बहुत चाहा कि मुस्कराये खुशियों का गुल,
मगर खारों में जीना, अपना नसीब निकला !
कभी चाहा था टूट कर जिसको इस #दिल ने 💔 ,
तोड़ा दिल उसी ने, वो इतना ज़लील निकला !
बड़े ही अजीब रंग हैं इस दुनिया के दोस्तो,
समझा जिसे अपना, गैरों का अज़ीज़ निकला !
तुम तो बहुत खुश हो दुनिया में आ के दोस्त,
मगर अपना तो ये #नसीब, बदनसीब निकला ! 😞

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