आँखों के समंदर में कभी उतर कर न देखा,
#दिल के #दरिया में कभी बहकर न देखा...
सब कहते रहे मुझको कि पत्थर #दिल हूँ मैं,
मोम का बना था मैं, मगर किसी ने छूकर न देखा...

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