मेरी ज़िन्दगी का हर पल, एक किस्सा बन गया,
मेरा वज़ूद किसी और का, एक हिस्सा बन गया !
न जाने कितने आये गए इस ज़िंदगी के मेले में,
पर कुछ से उम्र तमाम का, एक रिश्ता बन गया !
किसी ने तो बना डाला ज़िंदगी को दोज़ख यारो,
तो कोई #ज़िन्दगी के लिए, एक फरिश्ता बन गया !
न थी इतनी आसान मेरी मंज़िले मक़सूद,
अल्लाह के करम से खुद ही, एक रस्ता बन गया !

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