नहीं जानता कि कब मेरी #मौत का #पैगाम आ जाये
न जाने कौन सी #शाम मेरी आखिरी शाम हो जाये,
हम अब तक ढूढ़ रहे हैं उस वक्त को,
कि शायद मेरी #जिंदगी किसी के कुछ काम आ जाये
 

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