हर किसी को दिल की चाहत मत समझ लेना
उसको अपनी आखिरी मंज़िल मत समझ लेना
कहीं हंस कर मिलना फितरत न हो किसी की
इस आदत को प्रेम की फुहार मत समझ लेना
मोहब्बत तो दो दिलों की तपिश है दोस्तो
इसे बाज़ार से खरीदा सामान मत समझ लेना
गर वफा है दिल में तभी आगे बढना "मिश्र"
वरना #मोहब्बत को मनोरंजन मत समझ लेना...

Leave a Comment