यहाँ हर दिन तड़पना है, हर घडी एक उदासी है,
तेरा #दीदार पाने को किस कदर आँख प्यासी है,
निकालकर घर से तू आजा कभी यूँ ही बहाने से,
तेरे बिन हूँ अधूरा बुत ,तू इसकी आत्मा सी है...
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यहाँ हर दिन तड़पना है, हर घडी एक उदासी है,
तेरा #दीदार पाने को किस कदर आँख प्यासी है,
निकालकर घर से तू आजा कभी यूँ ही बहाने से,
तेरे बिन हूँ अधूरा बुत ,तू इसकी आत्मा सी है...