जाने क्यों तुम मेरे ख्वाबों में चले आते हो
सोये हुए दर्द को फिर जगाने चले आते हो
तुझे भूल जाने की कसम खाई है मगर,
याद बनकर क्यों मेरे ख़यालों में चले आते हो
हमने की थी बे-इंतिहां मोहब्बत तुमसे,
पर तुम हो कि दगा पे दगा दिये चले जाते हो
आज भी सिर्फ तुम हो दिल के कोने में,
पर तुम हो कि दर्द पे दर्द दिये चले जाते हो...
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